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Sandal wood Red & white

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  Sandalwood, particularly red and white sandalwood, is highly valued for its aromatic properties, cultural significance, and various applications. Let's explore both red sandalwood and white sandalwood individually: Red Sandalwood: Red sandalwood, also known as Pterocarpus santalinus, is a tree species native to southern India. It is renowned for its deep red color, which is derived from the heartwood of the tree. Here are some key points about red sandalwood: A. Cultural and Religious Significance: Red sandalwood has a long history of use in traditional Indian practices, such as Ayurveda, traditional medicine, and religious ceremonies. It holds great significance in Hindu rituals, where it is used for sacred ceremonies, religious offerings, and even in the construction of temples. B. Medicinal and Ayurvedic Uses: In Ayurveda, red sandalwood is highly regarded for its medicinal properties. It is believed to have cooling, anti-inflammatory, and antiseptic qualities. Red sandalw

कैसे उतारें 'लोक-ऋण'

*अंतिम ऋण चिता की लकड़ी...* क्या आप जानते हैं मृत्यु के बाद भी कुछ ऋण होते हैं जो मनुष्य का पीछा करते रहते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में पांच प्रकार के ऋण बताए गए हैं देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण, भूत ऋण और लोक ऋण।  इनमें से प्रथम चार ऋण तो मनुष्य के इस जन्म के कर्म के आधार पर अगले जन्म में पीछा करते हैं। इनमें से पांचवां ऋण यानी लोक ऋण अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।  प्रथम चारों ऋण तो मनुष्य पर जीवित अवस्था में चढ़ते हैं, जबकि लोक ऋण मृत्यु के पश्चात चढ़ता है।  जब मनुष्य की मृत्यु होती है तो उसके दाह संस्कार में जो लकड़ियां उपयोग की जाती हैं दरअसल वही उस पर सबसे अंतिम ऋण होता है।  यह ऋण लेकर जब मनुष्य नए जन्म में पहुंचता है तो उसे प्रकृति से जुड़े अनेक प्रकार के कष्टों का भोग करना पड़ता है। उसे प्रकृति से पर्याप्त पोषण और संरक्षण नहीं मिलने से वह गंभीर रोगों का शिकार होता है।  मनुष्य की मृत्यु के बाद सुनाए जाने वाले गरूड़ पुराण में भी स्पष्ट कहा गया है कि जिस मनुष्य पर लोक ऋण बाकी रहता है उसकी अगले जन्म में मृत्यु भी प्रकृति जनित रोगों और प्राकृतिक आपदाओं, वाहन दुर्घटना में होती है। ऐसा मनुष्य जहरीले

सनातन धर्म

*अगर आप घर पर सपरिवार के साथ हैं तो अपने बेटे एवं बेटी को अपने पोते एवं पोती को यह सब सिखाएं क्योंकि उन्हें हिंदू धर्म के विषय में ज्ञान होगा* ××××××××01 ×××× *दो लिंग :* नर और नारी । *दो पक्ष :* शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। *दो पूजा :* वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)। *दो अयन :* उत्तरायन और दक्षिणायन। *xxxxxxxxxx 02 xxxxxxxxxx* *तीन देव :* ब्रह्मा, विष्णु, शंकर। *तीन देवियाँ :* महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी। *तीन लोक :* पृथ्वी, आकाश, पाताल। *तीन गुण :* सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण। *तीन स्थिति :* ठोस, द्रव, गैस । *तीन स्तर :* प्रारंभ, मध्य, अंत। *तीन पड़ाव :* बचपन, जवानी, बुढ़ापा। *तीन रचनाएँ :* देव, दानव, मानव। *तीन अवस्था :* जागृत, मृत, बेहोशी। *तीन काल :* भूत, भविष्य, वर्तमान। *तीन नाड़ी :* इडा, पिंगला, सुषुम्ना। *तीन संध्या :* प्रात:, मध्याह्न, सायं। *तीन शक्ति :* इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति। *xxxxxxxxxx 03 xxxxxxxxxx* *चार धाम :* बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका। *चार मुनि :* सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार। *चार वर्ण :* ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र। *चार निति :* साम

सनातन धर्म

1-अष्टाध्यायी               पाणिनी 2-रामायण                    वाल्मीकि 3-महाभारत                  वेदव्यास 4-अर्थशास्त्र                  चाणक्य 5-महाभाष्य                  पतंजलि 6-सत्सहसारिका सूत्र      नागार्जुन 7-बुद्धचरित                  अश्वघोष 8-सौंदरानन्द                 अश्वघोष 9-महाविभाषाशास्त्र        वसुमित्र 10- स्वप्नवासवदत्ता        भास 11-कामसूत्र                  वात्स्यायन 12-कुमारसंभवम्           कालिदास 13-अभिज्ञानशकुंतलम्    कालिदास   14-विक्रमोउर्वशियां        कालिदास 15-मेघदूत                    कालिदास 16-रघुवंशम्                  कालिदास 17-मालविकाग्निमित्रम्   कालिदास 18-नाट्यशास्त्र              भरतमुनि 19-देवीचंद्रगुप्तम          विशाखदत्त 20-मृच्छकटिकम्          शूद्रक 21-सूर्य सिद्धान्त           आर्यभट्ट 22-वृहतसिंता               बरामिहिर 23-पंचतंत्र।                  विष्णु शर्मा 24-कथासरित्सागर        सोमदेव 25-अभिधम्मकोश         वसुबन्धु 26-मुद्राराक्षस               विशाखदत्त 27-रावणवध।              भटिट 28-किरातार्जुनीयम्       भारवि 29-दशकुमारचरि

पीपल एक जीवनदाता व्रक्ष

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🛑🌳‼️ *पीपल*‼️🍃   *💚अकेला ऐसा पौधा जो दिन और रात दोनो समय आक्सीजन देता है।* *💛पीपल के ताजा 6-7 पत्ते लेकर 400 ग्राम पानी मे डालकर 100 ग्राम रहने तक उबाले,ठंडा होने पर पिए ब्रर्तन स्टील और एल्युमिनियम का नहीं हो,आपका ह्रदय एक ही दिन में ठीक होना शुरू हो जाएगा।* *💛पीपल के पत्तो पर भोजन करे, लीवर ठीक हो जाता है।* *💛पीपल के सूखे पत्तों का पाउडर बनाकर आधा चम्मच गुड़ में मिलाकर सुबह दोपहर शाम खायेँ,किंतना भी पुराना दमा ठीक कर देता है।* *💛पीपल के ताजा 4-5 पत्ते लेकर पीसकर पानी मे मिलाकर पिलाये,1- 2 बार मे ही पीलिया में आराम देना शुरू कर देता है।* *💛पीपल की छाल को गंगाजल में घिसकर घाव में लगाये तुरंत आराम देता है।* *💛पीपल की छाल को खांड (चीनी )मिलाकर दिन में 5-6 बार चूसे, कोई भी नशा छूट जाता है।* *💛पीपल के पत्तों का काढ़ा पिये,फेफड़ो,दिल,अमाशय और लीवरके सभी रोग ठीक कर देता है।* *💛पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिये, किडनी के रोग ठीक कर देता है व पथरी को तोड़कर बाहर करता है।* *💛किंतना भी डिप्रेशन हो, पीपल के पेड़ के नीचे जाकर रोज 30 मिनट बैठिए डिप्रेशन खत्म कर देता है।* *💛पीपल की फल और ता

Demand Hospital-Hospital

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 पता नहीं क्यों आप सब आने वाले ख़तरे को नहीं देख पा रहे हैं !!  पता नहीं क्यों आपको वर्तमान में ही जीने की आदत पड़ी हुई है !!  आज जितने लोग Hospital Hospital चिल्ला रहे हैं और सरकार से अनंत Hospital खोलने की demand कर रहे हैं , वह सब अपने लिए ही बहुत बड़ा गड्ढा खोद रहे हैं ।  बच्चे हैं यह । वर्तमान में जीने वाले । यह वही लोग हैं जो वर्तमान में pizza burger दारू, 4 बज गए लेकिन पार्टी अभी बाकी है  और अन्य junk food  खाकर 2 मिनट के जीभ के स्वाद के लिए अपने भविष्य के आधा जीवन Hospitals और doctors के पैरों में नाक रगड़ कर बर्बाद करते हैं और फिर System को दोष देते हैं ।  ये भविष्य नहीं देख पाते ।  आपको क्या लगता है कि जितना आप सरकार से Hospital बढाने की माँग कर रहे हैं , वह आप बुद्धिमत्ता वाला काम कर रहे हैं ???  अरे ! अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं आप ! आपको स्वयं नहीं पता कि आप क्या कर रहे हैं । आप भावनाओं में बह रहे हैं । Hospitals जब खुलेंगे तो क्या लग रहा है आपको कि ये अपने maintenance या रख रखाव का खर्चा कहाँ से निकालेंगे ????  एक साधारण से Hospital के maintenance का खर्चा करोड़ रुपये आ

Mahogany

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 Mahogany trees do best when planted in areas that receive partial to full sun. Avoid heavily shaded areas. Also note that these trees are considered tropical varieties and thrive best in warm climates. Harsh winters can easily damage or destroy mahogany trees. Think twice about planting a mahogany tree if your winters reach below temperatures of 40 degrees Fahrenheit (4.4 degrees Celsius). Mahogany trees can grow in a range of soil types, but they do thrive best in well-drained sandy loam soils. Avoid heavy clay soils and duplex soils. Mix organic material into the hole. Add composted cow manure and topsoil to the hole, mixing it into the soil at the bottom and sides of the hole with a shovel or garden fork.   Note that organic peat moss can be used instead of topsoil, if desired.   If desired, you can skip the soil amendments altogether. Doing so can make it more difficult for the tree to establish itself, but if you wish to add fertilizer to the area after planting the tree, there