हो रही सांसे कम, आओ लगाये पेड़ हम
विज्ञान सिद्ध कर चुका है कि ये पेडू-पौधे हमारे लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं । धर्मशास्त्रों में भी वृक्षारोपण को पुण्यदायी कार्य बताया गया है । वृक्षों की संख्या घटने के दुष्प्रभावों का वैज्ञानिकों ने बहुत अध्ययन किया है । उन्होंने निष्कर्ष निकाला है कि वृक्षों के घटने से वायु प्रदूषण की मात्रा बड़ी है । वृक्ष वायु के प्राकृतिक शोधक होते हैं । *ये वायु से हानिकारक कार्बन डायऑक्साइड का शोषण कर लाभदायक ऑक्सीजन छोड़ते हैं । ऑक्सीजन ही जीवन है और जीवधारी उसे लेकर ही जीवित रहते हैं ।* अत : धरती पर वृक्षों की पर्याप्त संख्या का होना बहुत आवश्यक होता है । पेड़ बचेंगे तो जीव-समुदाय बचेगा । पेड़ रहेंगे तो लकड़ी की आवश्यकता की पूर्ति होगी और उद्योगों को कच्चा माल मिलता रहेगा । हमारी आगामी पीढ़ी को पेड़ों के अभाव में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा । पेड़ और वन होंगे तो वन्य-जीवन को आश्रय मिलता रहेगा । दुर्लभ वन्य प्राणियों को विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा । ‘जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च, तस्मादपरिहार्येथे न त्वं शोचितुमर्हसि’। श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 2 श्लोक 27 अर्थ है कि जिसने जन